भोपाल। मध्य प्रदेश की सियासत में एक और राजनीतिक दल की एंट्री हो गई है। पूर्व IAS डॉ वरद मूर्ति मिश्रा ने नई पार्टी बना ली है। उन्होंने इसका नाम वास्तविक भारत पार्टी रखा है। मिश्रा ने राज्य के सभी 230 सीटों पर चुनाव लड़ने का भी ऐलान किया है।
प्रशासनिक सेवा से राजनीति में आए पूर्व आईएएस डॉ वरद मूर्ति मिश्रा ने कहा कि, ‘प्रदेश में सरकार पर कर्ज लगातार बढ़ रहा है। शिक्षित युवा बेरोजगार काम न मिलने से प्रताड़ित हैं। करोड़ों रुपए से प्रदेश में सरकारी अस्पताल बन रहे हैं। आधे से अधिक मेडिकल स्टाफ और डॉक्टरों के पद खाली पड़े हैं। भाजपा-कांग्रेस के राजनेता केवल मुद्दों से भटकाकर सरकार में आना चाहते हैं। प्रदेश में अब तीसरे मोर्चे की आवश्यकता है।
बता दें कि IAS वरद मूर्ति ने 1 जून 2022 को इस्तीफा दे दिया था। उन्हें 17 जनवरी 2022 को आईएएस बनाया गया था। वे 7 साल बाद अगस्त 2029 में रिटायर होने वाले थे, लेकिन राजनीतिक महत्वाकांक्षा के कारण उन्होंने वीआरएस ले ली। इसके बाद से वे राजनीतिक जमीन तलाशने के लिए मध्य प्रदेश के जिलों में घूम रहे हैं।
मिश्रा पिछली कमलनाथ सरकार में मुख्यमंत्री कार्यालय में बतौर उपसचिव पदस्थ थे। बाद में कमलनाथ ने उन्हें छिंदवाड़ा भेज दिया था। वहां से लौटने के बाद वह खनिज निगम में पदस्थ थे। वे पूर्व सीएम कमलनाथ के विश्वसनीय अधिकारी माने जाते थे। हालांकि, राजनीतिक दल बनाने के बाद उन्होंने आरोप लगाया कि 15 महीने की कमलनाथ सरकार भाजपा की ही राहों पर थी।
मिश्रा के करीबियों ने बताया कि 2023 के लिए उनका लक्ष्य मध्य प्रदेश कि 10 फीसदी सीटों पर चुनाव जीतने का है। वे चुनावी कैंपेन का रूप रेखा बनाने में जुटे हुए हैं। इसके लिए उन्होंने निजी पीआर कंपनी को भी हायर किया है। मिश्रा का यह प्रयास क्या रंग लाता है ये तो वक्त ही बताएगा।
बुद्धिजीवी और पूर्व आईएएस, आईपीएस को जोड़ने की कोशिश
वास्तविक भारत पार्टी में बुद्धिजीवी और पूर्व आईएएस, आईपीएस को जोड़ने की कोशिश की जा रही है। अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव ‘वास्तविक भारत पार्टी’ लड़ेगी। मप्र के पूरे 230 विधानसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारेंगे। बता दें कि शासकीय सेवा से इस्तीफा देते समय पूर्व आईएएस वरद मूर्ति मिश्र ने कांग्रेस और भाजपा दोनों की सरकारों को जमकर कोसा था। उनका कहना था कि प्रदेश में इन दोनों पार्टियों की सरकारें रही हैं, लेकिन आज भी प्रदेश में स्वास्थ्य, शिक्षा, इंफ्रास्ट्रक्चर, कृषि, रोजगार के मामले में बहुत पीछे है।
वरद मूर्ति मिश्र को आईएएस अवार्ड
लंबी लड़ाई के बाद वरद मूर्ति मिश्र को आईएएस अवार्ड मिला हुआ था। इससे पहले वे राज्य प्रशासनिक सेवा के अधिकारी थे। साल 1996 में राज्य लोक सेवा आयोग की परीक्षा में चयनित होकर डिप्टी कलेक्टर बने थे। उनकी छवि आम लोगों के बीच में जाकर काम करने की थी। मध्य प्रदेश के जिन इलाकों में मिश्रा पदस्थ रहे, वहां सीधे जनता को उनसे मिलने में कोई परेशानी नहीं आती थी।