केवलारी थाने में पदस्थ ए.एस.आई. धुर्वे खाकी को कर रहा दागदार

रिश्वत के लेनदेन का ऑडियो हुआ वायरल

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केवलारी। मध्य प्रदेश में अधिकांश पुलिस जवानों द्वारा ट्रैफिक चालान बनाते या अन्य कार्रवाई करते वक्त रिश्वत लिए जाने की खबरें सामने आना कोई नई बात नहीं है। मोबाइल चोरी की छोटी-सी शिकायत हो या मोटरसाइकिल गुम होने की रिपोर्ट, किन्हीं दो पक्षों के बीच मारपीट हो जाने का केस हो या फिर कोई अन्य छोटा-मोटा मामला, मामूली से लेकर बड़े केसों तक में पुलिस थाने पर जब तक घूस नहीं दी जाती, तब तक केस की जांच में तेजी ही नहीं आती, यदि पुलिस किसी केस को दवाब में आकर दर्ज कर भी लेती है तो उसकी फाइल ठंडे बस्ते में डाल दी जाती है। इसके बाद फरियादी को थाने के चक्कर कटवाए जाते हैं। जैसे ही जांचकर्ता की जेब गर्म कर दी जाती है तो उसे फाइल भी मिल जाती है और फटाफट एक्शन भी ले लिया जाता है। हद तो तब पार हो जाती है जब मोटी रकम का लेनदेन कर निर्दोष व्यक्तियों या सिस्टम के खिलाफ लगातार सच्ची खबरों का प्रकाशन करने वाले पत्रकारों भी षडयंत्र पूर्वक झूठे मामलों में उलझा कर जेल का रास्ता दिखा दिया जाता है। ये सब हम नहीं बल्कि अधिकांश पीड़ितों का कहना है जो थानों के चक्कर काटते है, दुख विपदा एवं संकट की घड़ी में मध्य प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली के चलते खून के आंसू रोने को मजबूर होते है।

ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के सिवनी जिला अंतर्गत आने वाले थाना केवलारी से सामने आया है। जहां पर सोशल मीडिया में एक ऑडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि केवलारी थाना में एएसआई के पद पर पदस्थ कन्हैया लाल धुर्वे एवं आलोनीखापा निवासी अजय किरार के आपसी बात चीत का है। आपको बता दें कि उक्त कॉल रिकॉर्डिंग में आलोनीखापा निवासी अजय पिता ईश्वरी प्रसाद किरार द्वारा उसके भाई संजय किरार को मोटर चोरी के झूठे आरोप में फसाने एवं दोषियों को बचाने के लिए कन्हैयालाल धुर्वे पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है। जिस पर कन्हैया लाल धुर्वे ने स्वीकार किया है एवं एक लाख़ रूपए रिश्वत लेने की बात कही है। हालांकि बातचीत कब की है यह स्पष्ट नहीं है एवं उक्त सोशल मीडिया में वायरल ऑडियो एवं उस पर हो रहे दावों की पुष्टि भी हम नहीं करते, किंतु वायरल ऑडियो से केवलारी/सिवनी पुलिस की छवि अवश्य धूमिल हो रही है। लोगों का कानून एवं उसके रखवालों के ऊपर से विश्वास उठ रहा है। वहीं जिला के संवेदनशील पुलिस अधीक्षक से विनम्र आग्रह करते है कि उक्त मामले को संज्ञान में लेकर निष्पक्ष जांच करवाई जाए, जांच में आए तथ्यों को सार्वजनिक किया जाए ताकि आम जनता को सच्चाई का पता चले एवं किसी प्रकार का भ्रम ना फैले।

क्या है मामला ?

दिनांक 23/10/2022 को ग्राम बहनाटोला (अलोनीखापा) थाना केवलारी निवासी मोईन कुरैशी पिता स्व. सरदार कुरैशी द्वारा फसल की सिंचाई करने के लिये वरूणा कंपनी की 21000/ रूपये मूल्य की एक पांच हार्सपावर की पनडूब्बी मोटर अपने निज निवास में रखी बरामदा से चोरी होने की एफ आई आर दर्ज करवाई थी। जिसका सीसीटीवी फुटेज भी केवलारी पुलिस को उपलब्ध कराया गया था। जिस पर केवलारी पुलिस द्वारा अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 379 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया गया था। विवेचना की कुछ दिनों उपरांत केवलारी पुलिस द्वारा आलोनीखापा निवासी संजय किरार पिता ईश्वरी प्रसाद किरार को आरोपी बनाकर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर उसे जेल भेज दिया गया था। अभी हाल ही में सोशल मीडिया में एक ऑडियो वायरल हो रहा है एवं दावा किया जा रहा है कि उसी विषय को लेकर आरोपी के बड़े भाई अजय किरार पिता ईश्वरी प्रसाद किरार द्वारा बीट प्रभारी एवं विवेचना अधिकारी कन्हैया लाल धुर्वे को फोन लगाया गया एवं उन पर आरोप लगाए गए कि उनके द्वारा रिश्वत लेकर उनके निर्दोष भाई को झूठे केस में फसाया गया है एवं केवलारी थाने में पदस्थ एएसआई कन्हैयालाल धुर्वे द्वारा एक लाख़ रूपए की रिश्वत लेने का स्वीकार भी किया है। उक्त ऑडियो में ऐसी अनेक बातें स्पष्ट सुनाई दे रही हैं जिससे केवलारी पुलिस की छवि धूमिल हो रही है एवं लोगों का विश्वास केवलारी पुलिस से उठा रहा है।

आईपीसी की 379 के स्थान पर धारा 380 में होना था मामला दर्ज

कानून के जानकारों की माने तो यदि घर के अंदर चोरी होती है तो उस मामले में पुलिस को भादवी की धारा 379 की धारा नहीं बल्कि उसे 380 की धारा में मामला दर्ज कराना चाहिए। बता दे कि बहुत से थाना क्षेत्र में घर के अंदर चोरी होती है तो संबंधित थाना पुलिस द्वारा उस मामले में भा.द.वि. की धारा 379 लगा कर मामला दर्ज कर लिया जाता है। जिससे आगे चल कर गृह स्वामी की परेशानी होती थी। जबकि भारतीय दंड संहिता की धारा 380 के अनुसार, जो भी कोई ऐसे किसी इमारत, तम्बू या जलयान, जो मानव निवास या संपत्ति की अभिरक्षा के लिए उपयोग में आता हो उसमें चोरी करता है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही आर्थिक दंड से दंडित किया जाएगा। इसके विपरित धारा 379 यह धारा चोरी करने वाले किसी भी व्यक्ति को सजा का प्रावधान करती है। यह कहता है कि उसे या तो विवरण के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा, जो तीन साल तक या जुर्माना या दोनों के साथ हो सकता है।

यह है कॉल रिकॉर्डिंग का विवरण

5 एचपी की मोटर नहीं उठा सकता एक व्यक्ति, सहयोगी होने की है प्रबल संभावना

किसानों से प्राप्त जानकारी अनुसार 5hp की मोटर पंप का वजन लगभग 80 किलो से 1 क्विंटल के बीच होता है जिसे एक व्यक्ति अधिक दूरी तक नहीं उठा सकता। उक्त घटना में निश्चित ही 1 से अधिक व्यक्ति सम्मिलित होने की प्रबल संभावना है। केवलारी पुलिस की कार्यप्रणाली से प्रतीत हो रहा है कि केवलारी पुलिस द्वारा किसी व्यक्ती आरोपी के सहयोगियों को बचाया जा रहा है और केवल एक व्यक्ति के सिर आरोप मढ़कर उसे जेल भेज दिया गया है। दूसरी बात यह है कि उक्त मोटर पंप को किसी न किसी दो या तीन पहिया वाहन में परिवहन किया गया होगा जिसकी जब्ती भी केवलारी पुलिस द्वारा नहीं बनाई गई है।

इनका क्या कहना है

हम लोगों के खिलाफ तो आरोप लगते ही रहते हैं, यदि ऑडियो वायरल हो रहा है तो मै क्या बताऊंगा ? उसमें मैं यदि गलत भी हूं ना तो मैं यही बोलूंगा कि मैं सही हूं। आरोपी का भाई दारू पीकर मुझे बार-बार फोन लगा रहा था और उसका कहना था कि जब हमने मोटर वापस कर दिया तो आपने केस क्यों बनाया ? मैं पटेल को नहीं जानता। गुस्से में मैंने एक लाख़ रूपए लेना स्वीकार किया है किंतु मेरे द्वारा कोई राशि नहीं ली गई।

एएसआई कन्हैया लाल धुर्वे

 

 

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रिश्वत के लेनदेन का ऑडियो हुआ वायरल

केवलारी। मध्य प्रदेश में अधिकांश पुलिस जवानों द्वारा ट्रैफिक चालान बनाते या अन्य कार्रवाई करते वक्त रिश्वत लिए जाने की खबरें सामने आना कोई नई बात नहीं है। मोबाइल चोरी की छोटी-सी शिकायत हो या मोटरसाइकिल गुम होने की रिपोर्ट, किन्हीं दो पक्षों के बीच मारपीट हो जाने का केस हो या फिर कोई अन्य छोटा-मोटा मामला, मामूली से लेकर बड़े केसों तक में पुलिस थाने पर जब तक घूस नहीं दी जाती, तब तक केस की जांच में तेजी ही नहीं आती, यदि पुलिस किसी केस को दवाब में आकर दर्ज कर भी लेती है तो उसकी फाइल ठंडे बस्ते में डाल दी जाती है। इसके बाद फरियादी को थाने के चक्कर कटवाए जाते हैं। जैसे ही जांचकर्ता की जेब गर्म कर दी जाती है तो उसे फाइल भी मिल जाती है और फटाफट एक्शन भी ले लिया जाता है। हद तो तब पार हो जाती है जब मोटी रकम का लेनदेन कर निर्दोष व्यक्तियों या सिस्टम के खिलाफ लगातार सच्ची खबरों का प्रकाशन करने वाले पत्रकारों भी षडयंत्र पूर्वक झूठे मामलों में उलझा कर जेल का रास्ता दिखा दिया जाता है। ये सब हम नहीं बल्कि अधिकांश पीड़ितों का कहना है जो थानों के चक्कर काटते है, दुख विपदा एवं संकट की घड़ी में मध्य प्रदेश पुलिस की कार्यप्रणाली के चलते खून के आंसू रोने को मजबूर होते है।

ऐसा ही एक मामला मध्य प्रदेश के सिवनी जिला अंतर्गत आने वाले थाना केवलारी से सामने आया है। जहां पर सोशल मीडिया में एक ऑडियो तेजी से वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि केवलारी थाना में एएसआई के पद पर पदस्थ कन्हैया लाल धुर्वे एवं आलोनीखापा निवासी अजय किरार के आपसी बात चीत का है। आपको बता दें कि उक्त कॉल रिकॉर्डिंग में आलोनीखापा निवासी अजय पिता ईश्वरी प्रसाद किरार द्वारा उसके भाई संजय किरार को मोटर चोरी के झूठे आरोप में फसाने एवं दोषियों को बचाने के लिए कन्हैयालाल धुर्वे पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया गया है। जिस पर कन्हैया लाल धुर्वे ने स्वीकार किया है एवं एक लाख़ रूपए रिश्वत लेने की बात कही है। हालांकि बातचीत कब की है यह स्पष्ट नहीं है एवं उक्त सोशल मीडिया में वायरल ऑडियो एवं उस पर हो रहे दावों की पुष्टि भी हम नहीं करते, किंतु वायरल ऑडियो से केवलारी/सिवनी पुलिस की छवि अवश्य धूमिल हो रही है। लोगों का कानून एवं उसके रखवालों के ऊपर से विश्वास उठ रहा है। वहीं जिला के संवेदनशील पुलिस अधीक्षक से विनम्र आग्रह करते है कि उक्त मामले को संज्ञान में लेकर निष्पक्ष जांच करवाई जाए, जांच में आए तथ्यों को सार्वजनिक किया जाए ताकि आम जनता को सच्चाई का पता चले एवं किसी प्रकार का भ्रम ना फैले।

क्या है मामला ?

दिनांक 23/10/2022 को ग्राम बहनाटोला (अलोनीखापा) थाना केवलारी निवासी मोईन कुरैशी पिता स्व. सरदार कुरैशी द्वारा फसल की सिंचाई करने के लिये वरूणा कंपनी की 21000/ रूपये मूल्य की एक पांच हार्सपावर की पनडूब्बी मोटर अपने निज निवास में रखी बरामदा से चोरी होने की एफ आई आर दर्ज करवाई थी। जिसका सीसीटीवी फुटेज भी केवलारी पुलिस को उपलब्ध कराया गया था। जिस पर केवलारी पुलिस द्वारा अज्ञात व्यक्ति के खिलाफ आईपीसी की धारा 379 के तहत मामला दर्ज कर विवेचना में लिया गया था। विवेचना की कुछ दिनों उपरांत केवलारी पुलिस द्वारा आलोनीखापा निवासी संजय किरार पिता ईश्वरी प्रसाद किरार को आरोपी बनाकर माननीय न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत कर उसे जेल भेज दिया गया था। अभी हाल ही में सोशल मीडिया में एक ऑडियो वायरल हो रहा है एवं दावा किया जा रहा है कि उसी विषय को लेकर आरोपी के बड़े भाई अजय किरार पिता ईश्वरी प्रसाद किरार द्वारा बीट प्रभारी एवं विवेचना अधिकारी कन्हैया लाल धुर्वे को फोन लगाया गया एवं उन पर आरोप लगाए गए कि उनके द्वारा रिश्वत लेकर उनके निर्दोष भाई को झूठे केस में फसाया गया है एवं केवलारी थाने में पदस्थ एएसआई कन्हैयालाल धुर्वे द्वारा एक लाख़ रूपए की रिश्वत लेने का स्वीकार भी किया है। उक्त ऑडियो में ऐसी अनेक बातें स्पष्ट सुनाई दे रही हैं जिससे केवलारी पुलिस की छवि धूमिल हो रही है एवं लोगों का विश्वास केवलारी पुलिस से उठा रहा है।

आईपीसी की 379 के स्थान पर धारा 380 में होना था मामला दर्ज

कानून के जानकारों की माने तो यदि घर के अंदर चोरी होती है तो उस मामले में पुलिस को भादवी की धारा 379 की धारा नहीं बल्कि उसे 380 की धारा में मामला दर्ज कराना चाहिए। बता दे कि बहुत से थाना क्षेत्र में घर के अंदर चोरी होती है तो संबंधित थाना पुलिस द्वारा उस मामले में भा.द.वि. की धारा 379 लगा कर मामला दर्ज कर लिया जाता है। जिससे आगे चल कर गृह स्वामी की परेशानी होती थी। जबकि भारतीय दंड संहिता की धारा 380 के अनुसार, जो भी कोई ऐसे किसी इमारत, तम्बू या जलयान, जो मानव निवास या संपत्ति की अभिरक्षा के लिए उपयोग में आता हो उसमें चोरी करता है, तो उसे किसी एक अवधि के लिए कारावास की सजा जिसे सात वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है, और साथ ही आर्थिक दंड से दंडित किया जाएगा। इसके विपरित धारा 379 यह धारा चोरी करने वाले किसी भी व्यक्ति को सजा का प्रावधान करती है। यह कहता है कि उसे या तो विवरण के लिए कारावास से दंडित किया जाएगा, जो तीन साल तक या जुर्माना या दोनों के साथ हो सकता है।

यह है कॉल रिकॉर्डिंग का विवरण

5 एचपी की मोटर नहीं उठा सकता एक व्यक्ति, सहयोगी होने की है प्रबल संभावना

किसानों से प्राप्त जानकारी अनुसार 5hp की मोटर पंप का वजन लगभग 80 किलो से 1 क्विंटल के बीच होता है जिसे एक व्यक्ति अधिक दूरी तक नहीं उठा सकता। उक्त घटना में निश्चित ही 1 से अधिक व्यक्ति सम्मिलित होने की प्रबल संभावना है। केवलारी पुलिस की कार्यप्रणाली से प्रतीत हो रहा है कि केवलारी पुलिस द्वारा किसी व्यक्ती आरोपी के सहयोगियों को बचाया जा रहा है और केवल एक व्यक्ति के सिर आरोप मढ़कर उसे जेल भेज दिया गया है। दूसरी बात यह है कि उक्त मोटर पंप को किसी न किसी दो या तीन पहिया वाहन में परिवहन किया गया होगा जिसकी जब्ती भी केवलारी पुलिस द्वारा नहीं बनाई गई है।

इनका क्या कहना है

हम लोगों के खिलाफ तो आरोप लगते ही रहते हैं, यदि ऑडियो वायरल हो रहा है तो मै क्या बताऊंगा ? उसमें मैं यदि गलत भी हूं ना तो मैं यही बोलूंगा कि मैं सही हूं। आरोपी का भाई दारू पीकर मुझे बार-बार फोन लगा रहा था और उसका कहना था कि जब हमने मोटर वापस कर दिया तो आपने केस क्यों बनाया ? मैं पटेल को नहीं जानता। गुस्से में मैंने एक लाख़ रूपए लेना स्वीकार किया है किंतु मेरे द्वारा कोई राशि नहीं ली गई।

एएसआई कन्हैया लाल धुर्वे

 

 

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