शिक्षा का मंदिर बना भेदभाव का केंद्र प्रभारी प्राचार्य द्वारा की जा रही मनमर्जी
सिवनी :मामला सिवनी जिले के अंतर्गत आने स्कूल का है जिसे भी मौका मिलता है वह भ्रष्टाचार एवं भाई भतीजा बाद करने से बाज नहीं आता भाई भतीजावाद हमारे समाज में अंतिम सीमा में पहुंच चुका है जिसे भी मौका मिलता है वह है इस गतिविधि में लिप्त हो जाता है फिर चाहे बात पंचायती राज की हो या फिर स्कूल विभाग की ऐसा ही एक मामला केवलारी तहसील अंतर्गत आने वाले हायर सेकेंडरी स्कूल खापा बाजार का है जिसमें प्रभारी प्राचार्य कमलेश बघेल का नाम आता है वर्तमान में प्रदेश सरकार द्वारा कोरोना महामारी के उपरांत शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने का प्रयास किया जा रहा है जिसमें सत्र 2020 21 मैं पुन केंद्र सरकार द्वारा स्कूलों का संचालन प्रारंभ करने के आदेश दिए गए जिसमें कक्षा 9वी से12वीं कक्षा तक का शिक्षा कार्य प्रारंभ हुआ लेकिन मध्य प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था बदहाल है स्कूल तो हैं किंतु विषय वार शिक्षक नहीं है शिक्षा व्यवस्था पूर्णतया अतिथि शिक्षकों के भरोसे चल रही है किंतु उन अतिथि शिक्षकों को भी भेदभाव का सामना करना पड रहा है खापा बाजार हायर सेकेंडरी स्कूल मे लगभग प्रतिवर्ष 10 अतिथि शिक्षकों के भरोसे यह स्कूल संचालित होता है अतिथि शिक्षकों की चयन प्रक्रिया पूर्णता प्राचार्य के मार्गदर्शन में होती है तो फिर शुरू होती है अपनी मनमानी करने बा भाई भतीजावाद करने की खापा बाजार के प्रभारी प्राचार्य कमलेश बघेल भी क्यो रह जाए केवल 10 अतिथि शिक्षक जो विगत वर्ष कार्यरत थे उनमें से 5 को ही बुलाया गया अन्य अतिथि शिक्षक को नहीं उन अतिथि शिक्षकों को ही बुलाया गया जो शिक्षण के साथ साथ कमलेश बघेल का आदेशों का पालन कार्यालयीन कार्य आदि करते हैं या यूं कहें चापलूसी करनी या जिनसे व्यवहार अच्छे हैं उन्हें ही बुलाया गया बाकी 5 अतिथि शिक्षक को नहीं बुलाया गया जिनमें दिनेश कुमार दुबे मुकेश तिवारी संतोष कुमार राय राजेंद्र कुमार ठाकुर लता श्रीवास्तव अतिथि शिक्षकों को क्यों नहीं बुलाया गया जबकि मध्य प्रदेश शासन द्वारा पोटल में हिंदी संस्कृत अंग्रेजी बा सामाजिक विज्ञान की रिक्त सीट दिखाई दे रही हैं जिसमें भेदभाव साफ स्पष्ट हो रहा है जबकि कोरोना महामारी के चलते अतिथि शिक्षकों की स्थिति दायनी हैं तथा कुछ तो अपने परिवार का पालन पोषण शिक्षण कार्य के द्वारा ही करते हैं ऐसे में सरकार द्वारा अथक प्रयास किए जा रहे हैं की प्रत्येक व्यक्ति की मदद की जाए किंतु उच्च पदों पर बैठे ऐसे लोग जो केवल भाई भतीजावाद और चापलूसी वाले व्यक्ति कोही पसंद करते हैं उन्हें किसी व्यक्ति की आर्थिक स्थिति से क्या करना है मामला संज्ञान में आने के उपरांत देखना यह है की उच्च अधिकारियों द्वारा इस मामले में क्या कार्रवाई की जाती है
केवलारी से संवादाता चैन सिंह विश्वकर्मा की रिपोर्ट